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रविवार, 5 सितंबर 2010

हिंदी के बहाने से
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सितम्बर का महीना शुरू हो चुका था और हिंदी पखवाड़े का भी ! अक्सर हिंदी पखवाड़े और श्राद्ध की तिथियाँ आस पास ही पड़ती है और हम अपने पितरो को पूजने के साथ साथ हिंदी को भी पूज लेते है ! यूँ भी कह सकते है कि दोनों का श्राद्ध एक साथ कर लेते है!
हाँ , तो बात हिंदी पखवाड़े मौसम की हो रही थी ! जगह-जगह सम्मान - सम्मारोह, भाषण और कवी सम्मेलनों का आयोगन किया जा रहा था ! ऐसे ही एक बड़े समारोह में बड़े बड़े हिंदी के समर्थकों से मंच सुशोभित था ! एक एक करके विभूतियाँ हिंदी क़ी आन - बान और शान में कसीदे गढ़ रही थी , साथ ही अपने भी कि उन्होंने भारत और विदेशों में हिंदी के कितने परचम लहराए ........ वो दिन दूर नहीं जब हिंदी विश्व क़ी भाषा बनेगी ! तभी मिस सेलीना के नाम क़ी उद्घोषणा हुई !
मिस सेलीना आयीं और उन्होने अत्यंत भाव-विभोर ढंग से एकाग्रचित होकर , ऑंखें मूँद कर गायित्री मंत्र का पाठ हिंदी में स-स्वर पढ़ा ! पूरा हाल तालियों से गूंज उठा !
संचालक ने जन समूह को बताया कि मिस सेलिना विदेशी महिला होने के बावजूद हिंदी के प्रचार प्रसार में लगी हुई हैं ! उनकी सेवाओं को देखते हुए आज इस मंच से उन्हें सम्मानित किया जाता है !
मंच पर विराजमानt उन हिंदी समर्थक विभूतियों ने एक एक करके मिस सेलिना को प्रतीक-चिन्ह , शाल और पुष्प गुच्छ भेट किये और हर एक के मुह से निकला - "वेल डन" , "कीप इट अप " , "यू आर ग्रेट मैडम" ---- और हिंदी के प्रचार प्रसार के लिए सम्मानित होती वो मिस सेलीना गद गद होकर बोलीं - " थैंक्यू सर , आई ऍम ओब्लाइज्द"
द्वारा- नमिता राकेश

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